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*”मंनुष्य कितना भी गोरा क्यों ना हो*
*परंतु*
*उसकी परछाई सदैव काली होती है…!!*
*”मैं श्रेष्ठ हूँ” यह आत्मविश्वास है*
*लेकिन*
*”सिर्फ मैं ही श्रेष्ठ हूँ” यह अहंकार है…”*
*”इच्छा पूरी नहीं होती तो क्रोध बढ़ता है,
और इच्छा पूरी होती है तो लोभ बढ़ता है।
इसलिये जीवन की हर स्थिति में धैर्य बनाये रखना ही श्रेष्ठता है |*
और इच्छा पूरी होती है तो लोभ बढ़ता है।
इसलिये जीवन की हर स्थिति में धैर्य बनाये रखना ही श्रेष्ठता है |*