Hua Savera Poem in Hindi
हुआ सवेराज़मीन पर फिर अदबसे आकाशअपने सर को झुका रहा…
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Hua Savera Poem in Hindi
हुआ सवेराज़मीन पर फिर अदबसे आकाशअपने सर को झुका रहा…
कितने अधिकार सेफुदकती है गौरैया!घर मेंआंगन मेंछज्जे-मुंडेर पर मेरा घरअपना…
Ye ishq hai mujhe , shayari ishq पहले नादान थे…